Tuesday 3 July 2018

शायद ऐसा होता तो कितना अच्छा होता।

"मेरा झुमका उठा के लाया यार वे जो गिरा था बरेली के बाजार में" श्रुति इन गानों पे थिरक ही रही थी कि उसे कुछ आवाज़ सुनाई दी।।
शायद दरवाज़े पर दस्तक थी किसी की।। हाँ उसने दरवाज़ा खुला ही छोड़ दिया था क्योंकि वो इस दुनिया से अनजान थी। श्रुति के माँ पापा बाहर किसी रिश्तेदार के घर शादी में गये थे श्रुति का मन नहीं था जाने का तो उसने मना कर दिया था।
"लगता है मीरा आयी होगी। मैने ही तो उसे फ़ोन करके बुलाया है।" श्रुति ने मन में सोचा।
"मीरा! मीरा!" श्रुति ने आवाज़ दी!
पर कोई भी उत्तर नहीं मिला।
"लगता है लुका छुपी खेलने के मूड में हैं मैडम।" मुस्कुराते हुए श्रुति खुद से बोली।
"मीरा! मीरा अब बस कर न बहुत हो गया अब बाहर निकल आ वरना बहुत पिटेगी बता रही मैं।" श्रुति ने थोड़ा गुस्से में कहा।
पर मीरा होती तब न निकलती वहां तो, वहां तो वो आंधी थी जो उसका सब कुछ उजाड़ ले जाने वाली थी। ये हँसता खेलता मुस्कुराता चेहरा पल भर में मुरझा जाने वाला था। वहां पर मीरा की जगह कुछ गुंडे थे जिनकी नज़र कॉलेज से ही श्रुति पर थी। वो कॉलेज के समय से ही उसका पीछा करते थे। अपने क्लास में पढ़ने में सबसे अच्छी सुंदरता में तो सबको फेल कर दे वो। बड़ी बड़ी आँखें मनमोहक मुस्कान और  रंभा जैसी खूबसूरती।
श्रुति जैसे ही आगे बढ़ी उसको कुछ गाना सुनाई दिया "तू चीज़ बड़ी है मस्त मस्त तू चीज़ बड़ी है मस्त..." श्रुति जैसे ही मुड़ी किसी ने पीछे से उसका मुंह बंद कर दिया और किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया।
"बड़ा नाज़ है न तुझे अपनी खूबसूरती पर आज तेरी इसी खूबसूरती को तार तार करूँगा मैं।" उन में से एक ने कहा।
श्रुति खुद को छुड़ाने की भरसक कोशिश कर रही थी पर उन दरिंदो की पकड़ इतनी मजबूत थी की वो चाह कर भी खुद को आज़ाद न करवा पाई। और उन दरिंदों ने धीरे धीरे उसकी इज़्ज़त को ज़ार ज़ार कर दिया। और खुद वहां से चले गए उसे बेसहारा बेहताशा छोड़ कर।
"श्रुति, श्रुति चल पार्टी करते हैं देख मैं वोडका भी लायी हूँ आज।" बाहर से मीरा आते हुए बोली।
"श्रुति" मीरा चिल्लाई, ये क्या हुआ है तुझे कौन किया है ये बोल बता।" मीरा ने परेशान होते हुए आगे कहा।
"वो, वो...." कुछ कहते कहते श्रुति बेहोश हो गयी।
मीरा तुरंत उसे हॉस्पिटल ले गयी और उसके साथ ही अपने घरवालों को और पुलिस को बुलाया।
श्रुति के होश में आने के बाद पूछताछ में सब पता चला। जाँच में पता चला कि वो लोग झाँसी के कुख्यात गुंडे के बेटे और दोस्त थे। जिसकी वजह से उन्होंने केस वहीं बंद कर दिया।।
जिसको श्रुति बर्दाश्त न कर पायी और उसने खुद ये लड़ाई लड़ने की ठानी।। पर लोक लाज के डर से घर वालों ने भी साथ न दिया। पर हर कदम पर साथ रहने वाली मीरा आज भी उसके साथ थी।
"इंसाफ पाने के लिए क्या करेगी कुछ सोचा है?" मीरा ने पूछा।
"नहीं पर कुछ न कुछ तो जरूर होगा" श्रुति ने कहा।
"श्रुति ज़िद छोड़ दे बेटा वो लोग गुंडे हैं बेटा कुछ भी कर सकते हैं।" पापा ने समझाते हुए कहा।
"नहीं पापा ऐसे कैसे छोड़ दूँ। और अब करने को कुछ बचा ही क्या है मेरा वजूद मेरा गुरुर सब तो ले लिया उन लोग ने अब क्या लेना बाकि है, उनको बिना सबक के नहीं छोडूंगी मैं। आज उन्होंने मेरे साथ किया है ये कल को कोई और श्रुति होगी आखिर कब तक ये सिलसिला चलेगा आखिर कब तक हम यूँ ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे?" श्रुति ने कहा।
"पर बेटा..." माँ ने कुछ कहना चाहा।
"पर वर कुछ नहीं माँ। मैंने फैसला कर लिया है उनको सबक सीखाना है बस तो बस।" गुस्से में श्रुति कहते हुए अंदर चली गयी।
रात भर सोचने के बाद उसने सोशल मीडिया पर यह बात साँझा करने की सोची। और रातों रात एक पोस्ट कर डाला। और लोगों से सुझाव मांगने लगी।
पर कोई भी उचित सुझाव न मिला। और फेसबुक सर्च करते हुए उसे एक पोस्ट दिखा "क्यों न अब रेप होने पर मोमबत्ती की जगह उस रेपिस्ट को ही जलाया जाये।" उसको यह सुझाव पसंद आया। और सुबह होने का इंतज़ार करने लगी।
सुबह होते ही उसने सबसे पहले ये बात मीरा को बताई। वो बात मान भी गयी पर सवाल यह था कि वो ये सब अकेले करेगी कैसे?
"सुन मैं दोबारा उनके सामने जाऊंगी उन भेड़ियों का चारा बनकर। तू बस लोगों को इकठ्ठा कर लाना। बाकि मैं देख लुंगी।" श्रुति ने कहा।
"पर श्रुति इसमें बहुत रिस्क है नहीं नहीं मैं दोबारा वो सब नहीं होने दूंगी नहीं नहीं।"मीरा ने डरते हुए कहा।
"मीरा देख ये सब हमें करना ही होगा वरना कल को कोई और श्रुति इसका शिकार होगी और कोई मीरा उनका निवाला, वी हैव टू डु थिस मीरा और इसमें तुम्हें मेरा साथ देना होगा।" श्रुति ने मीरा को समझाते  हुए कहा।
"पर श्रुति संभल कर हर कदम रखना होगा तुम्हें। याद रखना मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ और हाँ पूरा टाइम तुम मेरे साथ कॉल पर होगी।" मीरा ने कहा।
"ठीक है, तो हम कल ही इस काम को अंजाम देंगे फिर चाहे सजा मौत हो या फिर जेल।। इस बार आर या पार।" श्रुति ने कहा।
अगले दिन वो लोग अपने प्लान के मुताबिक अपने अपने काम पर लग गईं। श्रुति फिर उन बदमाशों के सामने जा खड़ी हुई। और मीरा लोगों को इकठ्ठा करने में लग गयी। पर दोनों ही ब्लूटूथ के जरिये कनेक्टेड थीं।
"आज नहीं छुओगो मुझे?? आज नहीं चलाओगे गाना?? आज नहीं करोगे मेरा मुँह बंद?? आज नहीं करोगे मेरा रेप??" गुस्से में तमतमाई हुई श्रुति ने उन गुंडों से कहा।
"अब शिकार खुद ही आया है तो मना कैसे कर दें जानेमन, आओ आज भी स्वर्ग की सैर करवा ही दें तुमको।" उन में एक बदमाश उसके करीब आते हुए कहा।
तभी श्रुति वहां से भागने लगी वो लोग भी उसके पीछे पीछे भागने लगे। और अब श्रुति उस जगह पहुंच चुकी थी जहाँ उसने और मीरा ने अपने प्लान को पूरा करने का सोचा था। लोग भी इकठ्ठा हो चुके थे और सौभाग्य से मीडिया भी।
"आज इन सब के सामने तेरी चिता जलाउंगी मैं।" श्रुति ने कहा।
"हा हा हा ये लोग तो मूरत हैं मूरत कोई कुछ न कहेगा। और तू ठहरी औरत जात तू क्या कर लेगी अकेले।" उन में एक बदमाश ने कहा।
"औरत दुर्गा का रूप होती है तो साथ में काली का भी स्वरुप होती है। तूने आज एक औरत को ललकारा है, और ये भीड़ तो हमेशा ही तमाशा देखती आयी है आज भी देखेगी परंतु आज मैं तुझे कराऊंगी तुझे नरक की सैर।" गुस्से में श्रुति ने कहा।
"न पुलिस ने मदद की न ही अदालत ने साथ दिया अब उनके बिना ही दूंगी तुझे सज़ा। ताकि कोई और श्रुति डर में न जिए। ताकि कोई और गुंडा किसी को अपना शिकार।" श्रुति ने आगे कहा।
और बीच बाजार में उसको बहुत पीटा साथ ही उसके गले में पट्टा डालकर उसे वहां के खंभे में लटका दिया। इस काम में उसकी मदद मीरा ने की।
उसके बाद वो मीडिया के द्वारा लाये गये कैमरे की तरफ मुड़ी और चिल्ला कर कहा "मैंने तो आज वो किया है जो कानून ने किया पर शायद मुझे ये नहीं करना चाहिए था लेकिन 'मरता क्या न करता' वाली ही स्थिति थी मेरी। अगर मैं आज ये न करती तो शायद कल को कोई और श्रुति इसका शिकार होती। मुझे पता है ये कानूनन अपराध था पर ये करना मेरे और अन्य लड़कियों के लिये जरूरी था। अब अगर मुझे इसकी सज़ा मिले भी तो कोई गम नहीं।"

5 comments:

  1. Isn't shruti an arrogant girl trying to manipulate the people Was doing all regarding to popularity. To improve the system several of ways here

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  2. Isn't shruti an arrogant girl trying to manipulate the people Was doing all regarding to popularity. To improve the system several of ways here

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  3. बेहद अच्छी कहानी, शब्दावली का भरपूर और अच्छा उपयोग।
    😊😊

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शायद ऐसा होता तो कितना अच्छा होता।