कहते हैं कि इस दुनिया में कुछ भी अजर अमर नहीं है, जो आया है उसे जाना ही पड़ता है फिर चाहे वो कितना ही प्यारा और कीमती क्यों न हो। मनुष्य की जीवन शैली इसी पर निर्धारित है। अगर वो दुनिया में आया है तो उसे जाना ही होगा फिर चाहे वो कितना ही बलवान क्यों न हो।
लेकिन क्या आप जानते हैं मनुष्य जब अपना शरीर त्याग करता है उसके बाद उसके घर वालों को कई तरीके से खुद को हाइजीन रखना पड़ता है। हमारे सनातन धर्म में मान्यता है कि यदि आप किसी के अच्छे काम में नहीं जाते हैं तो कोई बात नहीं लेकिन आप उसके अंतिम समय में जरूर जाईए, इससे आपके शरीर की जो नकारात्मक क्रिया होगी वो भस्म हो जाएगी और आप शांति का अनुभव करेंगे। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ऐसा हमारे ऋषि मुनियों का कहना है, उनके अनुसार जब कोई मनुष्य मरता है तब उसकी चिता के पास खड़े व्यक्ति के अंदर की सारी नकारात्मक ऊर्जा जल कर भस्म हो जाती है क्योंकि उस वक्त मंगल और शनि गृह प्रभाव रूप से तेज रहते हैं।
चलिए ये तो था धार्मिक कारण, अब जानते हैं शमशान से लौट कर नहाने का वैज्ञानिक कारण। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब किसी मनुष्य की मृत्यु होती है तब उसके अंदर से कई तरह के विषाणु का बहाव होता है जिसकी वजह से जीवित मनुष्य बीमार पड़ सकता है। यही वजह है कि मृत व्यक्ति के कान और नाक में रुई लगा दी जाती है जिससे बैकटीरिया उसके शरीर से बाहर न जाने पाए। लेकिन फिर भी कई तरीके से बैक्टीरिया उसके शरीर से बाहर निकल जाता है और जीवित मनुष्य को हानि पहुंचाता है। इसीलिए कहा जाता है कि शमशान से आने के बाद तुरंत स्नान करें।
No comments:
Post a Comment